EBITDA :- एक ऐसा माप है जो किसी कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। यह माप कंपनी की संचालन से संबंधित कमाई को दर्शाता है और इसमें ब्याज, कर, मूल्यह्रास, और स्थगन शामिल नहीं होते हैं।
EBITDA परिचालन आय का एक प्रकार है जो गैर-परिचालन और गैर-नकद खर्चों को हटा देता है। ये कटौतियाँ उन मुद्दों को खत्म कर देती हैं जिन पर व्यापार मालिकों का नियंत्रण होता है, जैसे पूंजी संरचना, मूल्यह्रास तकनीक, ऋण वित्तपोषण और कर (कुछ हद तक)। यह किसी कंपनी की पूंजी संरचना पर विचार किए बिना उसके वित्तीय प्रदर्शन को प्रदर्शित कर सकता है।
यह अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक (आईएफआरएस) या यूएस जीएएपी द्वारा मान्यता प्राप्त मीट्रिक नहीं है। कई निवेशक, जैसे वॉरेन बफ़ेट, इस सूचक को नापसंद करते हैं क्योंकि यह किसी कंपनी की संपत्ति के मूल्यह्रास का हिसाब देने में विफल रहता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी निगम के पास बहुत सारे मूल्यह्रास योग्य उपकरण हैं (और परिणामस्वरूप बहुत अधिक मूल्यह्रास व्यय है), तो इन पूंजीगत संपत्तियों को रखने और समर्थन करने की लागत को मान्यता नहीं दी जाती है।
EBITDA कैसे निकाला जाता है:
EBITDA को इस तरह से निकाला जाता है:
EBITDA के फायदे:
- संचालन प्रदर्शन की स्पष्टता: EBITDA से यह समझने में मदद मिलती है कि कंपनी का संचालन कैसा चल रहा है क्योंकि इसमें वे खर्चे शामिल नहीं होते जो सीधे संचालन से संबंधित नहीं होते।
- कंपनियों की तुलना: यह माप अलग-अलग कंपनियों के संचालन की तुलना करने के लिए उपयोगी है।
- नकद प्रवाह की गणना: यह कंपनी के नकद प्रवाह का अच्छा सूचक है, खासकर जब कंपनी के पास उच्च पूंजी खर्च होते हैं।
EBITDA के नुकसान:
- पूरा चित्र नहीं: EBITDA में सभी खर्चे शामिल नहीं होते, इसलिए यह कंपनी की पूरी वित्तीय स्थिति नहीं दिखाता।
- हेरफेर की संभावना: कंपनियां अपने EBITDA को अच्छा दिखाने के लिए कुछ खर्चों को हटा सकती हैं।
- पूंजी संरचना: यह माप कंपनी के पूंजी संरचना और वित्तीय दायित्वों को नहीं दिखाता।
EBITDA का उपयोग निवेशक, विश्लेषक, और कंपनी प्रबंधन द्वारा कंपनी की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है, लेकिन इसे अन्य वित्तीय मापदंडों के साथ मिलाकर देखना चाहिए ताकि कंपनी के वास्तविक प्रदर्शन और स्वास्थ्य का सही आकलन किया जा सके।
0 Comments